बीत गया ये दिन भी यूहीं ये रात भी यूहीं जाएगी....!
बस तेरे मेरे बीच की कुछ प्यारी बातें रह जाएँगी....!!
कल फिर सूरज निकलेगा कल फिर अमराई छाएगी....!
कल ख़ुशी मेरे दरवाजे पर दस्तक देने फिर आएगी....!!
नींद से भारी मेरी पलकें फिर गहरी नींद में जाएँगी....!
फिर अक्सर खाली बैठे-बैठे यादें खुद को दोहराएंगी....!!
कुछ दीवारों के पीछे से फिर कुछ आवाजें आएँगी....!
कभी नमी होगी आखों में और कभी हसी भी आएगी....!!
कुछ बीती बातें मुझको मेरी पहचान बतायेंगी....!
कहीं कमी तो है बाकी कुछ ऐसा मुझे जताएंगी....!!
बीत गया ये दिन भी यूहीं......................................!
बस तेरे मेरे बीच की कुछ ......................................!!